गॉसिप न्यूज़ डेस्क – करण अर्जुन फेम ममता कुलकर्णी को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में महामंडलेश्वर बनीं ममता को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने शुक्रवार को यह बड़ा फैसला लिया है। उनका कहना है कि लक्ष्मी नारायण ने बिना बताए ममता को महामंडलेश्वर बना दिया है। ममता कुलकर्णी करीब 25 साल बाद भारत लौटी हैं। वह महाकुंभ के लिए भारत लौटी थीं और उन्हें कुंभनगरी में किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर बनाया था। हालांकि, महज एक हफ्ते बाद ही ममता से महामंडलेश्वर का पद छीन लिया गया है। ममता के साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है।
ममता के महामंडलेश्वर बनने पर संस्थापक नाराज
30 जनवरी 2025 को किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने बयान जारी कर लिखा था कि उनकी जानकारी के बिना लक्ष्मी नारायण ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद दे दिया, जो नैतिकता के खिलाफ है। ऋषि ने आगे कहा-आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कथित ने न केवल असंवैधानिक कार्य किया, बल्कि सनातन धर्म और देश हित को दरकिनार करते हुए देशद्रोह के मामले में फंसी और फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी ममता कुलकर्णी जैसी महिला को बिना किसी धार्मिक और अखाड़े की परंपरा का पालन किए, संन्यास की दिशा देने के बजाय महामंडलेश्वर की उपाधि और पट्टा अभिषेक दिया। जिसके कारण आज मैं देश, सनातन और समाज के हित में उन्हें पद से हटाने के लिए अनिच्छा से बाध्य हूं।
ममता के इस कदम पर ऋषि भड़के
ऋषि अजय दास ने यह भी कहा है कि जब किसी को महामंडलेश्वर बनाया जाता है, तो उसे वैजंती माला पहननी होती है, लेकिन ममता ने रुद्राक्ष की माला पहनी थी जो संन्यास का प्रतीक है। उनका यह भी कहना है कि मुंडन के बिना संन्यास संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “इस तरह वे सनातन धर्म प्रेमियों और समाज के साथ धोखा कर रहे हैं। ज्ञात हो कि ममता कुलकर्णी ने संन्यास लेते समय अपना सिर नहीं मुंडवाया था। पट्टाभिषेक के दौरान वह गले में रुद्राक्ष की माला पहने नजर आईं थीं।